स्मार्ट सिटी मिशन (Smart Cities Mission)

शुरुआत: 25 जून 2015

प्रमुख मंत्रालय: आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA)

अवधि: 5 वर्षों की योजना (2015–2023), कई प्रोजेक्ट 2025 तक चालू हैं

अधिकारिक वेबसाइट: https://smartcities.gov.in

योजना का उद्देश्य:

“ऐसे शहरों का विकास करना जो नागरिकों को बेहतर जीवनशैली, आधुनिक बुनियादी ढाँचा, स्मार्ट तकनीक आधारित सेवाएं, और स्वच्छ, हरित वातावरण प्रदान करें।”

मुख्य उद्देश्य:

  1. किफायती और समावेशी आवासीय व बुनियादी सेवाएं
  2. स्मार्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग जैसे डिजिटल गवर्नेंस, IoT, डेटा एनालिटिक्स
  3. सतत विकास (Sustainable Development) और हरित बुनियादी ढांचा
  4. सार्वजनिक भागीदारी और पारदर्शिता

शामिल शहरों की संख्या:

कुल 100 स्मार्ट शहर चुने गए हैं (2015–2018 के बीच चार चरणों में चयन हुआ)

शहरों का चयन प्रतिस्पर्धा (City Challenge Method) के आधार पर हुआ

चयन प्रक्रिया (Eligibility & Selection Criteria):

कोई भी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश अपने 4 शहरों तक को नॉमिनेट कर सकता था। चयन इन बिंदुओं पर आधारित था:

मापदंडविवरण
जनसंख्याशहर की जनसंख्या और जनघनत्व
मौजूदा अवसंरचनासड़कों, जल, स्वच्छता, ट्रैफिक की स्थिति
नागरिक भागीदारीस्थानीय जनसुनवाई, सुझाव
राजस्व की स्थितिनगरपालिका की आर्थिक क्षमता
नवाचार की योजनाप्रस्तावित समाधान की अनोखापन

प्रमुख घटक (Key Components of Smart Cities):

घटककार्य
Area-Based Development (ABD)पुराने क्षेत्रों का पुनर्विकास और नवीनीकरण
🛣️ Pan-City Solutionsपूरे शहर में स्मार्ट समाधान जैसे ट्रैफिक सिस्टम, वाई-फाई
💧 Smart Water Management24×7 पानी की आपूर्ति, सेंसर आधारित निगरानी
🚦 Smart Transportस्मार्ट ट्रैफिक लाइट, इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग
🗑️ Waste Managementस्मार्ट कूड़ा प्रबंधन (IoT-बिन्स, GPS ट्रैकिंग)
🔐 Public SafetyCCTV निगरानी, SOS एप्स
📡 ICT Integrationडिजिटल सर्विस डिलीवरी, मोबाइल ऐप, नागरिक पोर्टल

प्रमुख लाभ (Key Benefits):

  1. बेहतर शहरी जीवन: सड़क, पार्किंग, सफाई, बिजली, पानी सभी डिजिटल और ऑटोमैटिक
  2. डिजिटल नागरिक सेवाएं: जन्म प्रमाणपत्र, बिल भुगतान, शिकायत आदि ऑनलाइन
  3. पर्यावरण संरक्षण: हरित भवन, नवीकरणीय ऊर्जा, कचरा प्रबंधन
  4. रोज़गार सृजन: स्थानीय निर्माण, तकनीकी स्टाफ, स्टार्टअप को बढ़ावा
  5. सुरक्षा: महिला सुरक्षा, स्मार्ट पुलिसिंग, इमरजेंसी सेवाएं तेजी से उपलब्ध

विकास मॉडल:

📍 Area-Based Development (ABD):

  • शहर के एक खास क्षेत्र को पायलट मॉडल के रूप में विकसित किया जाता है
  • इसमें “Retrofitting”, “Redevelopment”, और “Greenfield” मॉडल शामिल होते हैं

🌐 Pan-City Approach:

  • पूरे शहर में एक या एक से अधिक स्मार्ट समाधान लागू करना जैसे:
    • स्मार्ट ट्रैफिक कंट्रोल
    • डेटा सेंटर
    • मोबाइल नागरिक सेवा ऐप

फंडिंग विवरण (Financing Pattern):

स्रोतराशि (प्रति शहर)
केंद्र सरकार₹500 करोड़
राज्य सरकार / ULB₹500 करोड़
PPP / निजी निवेशवैकल्पिक, प्रोजेक्ट आधारित

अब तक की उपलब्धियाँ (2025 तक):

  • 6200+ प्रोजेक्ट मंजूर
  • 5000+ प्रोजेक्ट पूरे (₹1.2 लाख करोड़ से अधिक की लागत)
  • Integrated Command & Control Centers (ICCC): 100 में से 80 शहरों में सक्रिय
  • E-Governance: 95%+ शहरों में मोबाइल एप, पोर्टल, डिजिटल सेवाएं
  • स्मार्ट रोड, वाटर एटीएम, EV स्टेशन, स्ट्रीट लाइटिंग में उन्नति

उदाहरण: स्मार्ट फीचर्स

शहरस्मार्ट फीचर
इंदौरस्मार्ट सड़कों, डस्ट-फ्री सफाई, डेटा सेंटर
भुवनेश्वरICCC, स्मार्ट क्लासरूम, रिवरफ्रंट
सूरतLED स्ट्रीट लाइट्स, एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग
वाराणसीहेरिटेज स्मार्ट लाइटिंग, वाईफाई जोन
भोपालICCC + स्मार्ट बसें + डिजिटल स्क्रीन

कैसे जानें आपका शहर शामिल है या नहीं?

  1. वेबसाइट: https://smartcities.gov.in
  2. “Smart Cities List” पर क्लिक करें
  3. राज्यवार सूची देख सकते हैं

संपर्क और शिकायत

माध्यमविवरण
वेबसाइटhttps://smartcities.gov.in
ईमेलsmartcities[at]gov.in
टोल-फ्री नंबरराज्यवार अलग-अलग ULB हेल्पलाइन

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