दिल्ली के उपराज्यपाल ने दिए ACB जांच के निर्देश | शिक्षा मंत्री आतिशी ने जताई आपत्ति
मुख्य बिंदु:
- उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने ‘जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना’ में भ्रष्टाचार के आरोपों की ACB (भ्रष्टाचार निरोधक शाखा) से जांच कराने के आदेश दिए हैं।
- आरोपों के अनुसार, योजना में कथित तौर पर फर्जी छात्रों का पंजीकरण कर के सरकारी फंड का दुरुपयोग किया गया।
- दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी (सूद) ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताया और कहा कि यह SC/ST छात्रों को डराने और उनकी तरक्की रोकने की कोशिश है।
क्या है जय भीम कोचिंग योजना?
जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना की शुरुआत दिल्ली सरकार ने SC, ST, OBC और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के छात्रों को निशुल्क कोचिंग देने के लिए की थी।
इसका उद्देश्य था कि ये छात्र UPSC, JEE, NEET, CLAT, SSC आदि प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग करके अपना भविष्य सुधार सकें।
सरकार का दावा: इस योजना ने अब तक हजारों छात्रों को सफलता की दिशा में प्रेरित किया है।
किस बात की जांच हो रही है?
- कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और शिकायतों के अनुसार,
- फर्जी नामों से छात्रों का पंजीकरण किया गया।
- कोचिंग सेंटरों ने बिना छात्रों के उपस्थित हुए ही पैसे ले लिए।
- हाज़िरी और प्रमाण पत्रों में गड़बड़ी पाई गई।
- सरकारी कोष से करोड़ों रुपये का भुगतान ऐसे संस्थानों को हुआ जहाँ छात्र मौजूद ही नहीं थे।
 
LG का रुख:
- उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने इसे गंभीर मानते हुए ACB को प्राथमिक जांच के आदेश दिए हैं।
- उनका कहना है कि अगर आरोप सही पाए जाते हैं तो सख्त कार्रवाई की जाएगी, चाहे वह कोई भी अधिकारी या संस्था हो।
🎙️ शिक्षा मंत्री आतिशी की प्रतिक्रिया:
- मंत्री आतिशी ने इस जांच को “राजनीति से प्रेरित” बताया।
- उन्होंने कहा कि यह योजना दलित, पिछड़े और गरीब छात्रों के लिए आशा की किरण है।
- भाजपा और LG पर आरोप लगाते हुए कहा कि,
 “यह योजना की सफलता से डरकर छात्रों को नीचा दिखाने और उनकी आवाज दबाने की साजिश है।“
राजनीतिक विवाद और असर:
- यह विवाद AAP और LG कार्यालय के बीच सत्ता संघर्ष को एक बार फिर उजागर करता है।
- SC/ST समुदाय के छात्र और शिक्षक संगठन इस जांच को लेकर चिंता और विरोध प्रकट कर रहे हैं।
- वहीं दूसरी ओर, पारदर्शिता की मांग को लेकर कुछ नागरिक संगठनों ने ACB जांच का समर्थन भी किया है।
आगे क्या हो सकता है?
- ACB की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही तय होगा कि वास्तव में घोटाला हुआ या नहीं।
- यदि आरोप साबित होते हैं, तो दिल्ली सरकार को योजना में संरचनात्मक सुधार और निगरानी की नई व्यवस्था बनानी होगी।
- जांच निष्पक्ष रही, तो इससे जनता का सरकारी योजनाओं में विश्वास भी मजबूत हो सकता है।
निष्कर्ष:
जय भीम योजना जैसे प्रयास सामाजिक न्याय और अवसर की समानता के लिए जरूरी हैं।
लेकिन पारदर्शिता और जवाबदेही ऐसी योजनाओं की आत्मा होती है। अगर वाकई भ्रष्टाचार हुआ है, तो सजा जरूरी है — और अगर आरोप झूठे हैं, तो छात्रों के मन से डर निकालना भी उतना ही जरूरी।
