परिचय (Introduction):
“आत्मनिर्भर भारत अभियान” की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई 2020 को की थी, जब पूरी दुनिया कोविड-19 महामारी से जूझ रही थी। इस अभियान का उद्देश्य भारत को आर्थिक, सामाजिक और तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर (Self-Reliant) बनाना है।
यह केवल एक आर्थिक योजना नहीं, बल्कि भारत के आत्मविश्वास और स्वाभिमान का प्रतीक है।
मुख्य उद्देश्य (Key Objectives):
- स्थानीय उत्पादन और स्थानीय आपूर्ति शृंखलाओं को बढ़ावा देना।
- भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में नेतृत्वकारी भूमिका दिलाना।
- रोजगार के अवसर बढ़ाना, विशेषकर ग्रामीण और कुटीर उद्योगों में।
- MSME, कृषि, निर्माण, स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों का सशक्तिकरण।
आर्थिक पैकेज और सहयोग:
भारत सरकार ने ₹20 लाख करोड़ रुपये (GDP का लगभग 10%) का विशेष आर्थिक पैकेज घोषित किया, जो पाँच स्तंभों पर आधारित है:
आत्मनिर्भर भारत के पाँच स्तंभ:
- अर्थव्यवस्था (Economy) – तेज़ रिकवरी और आत्मनिर्भर ग्रोथ।
- इन्फ्रास्ट्रक्चर (Infrastructure) – आधुनिक भारत की रीढ़।
- सिस्टम (System) – तकनीक आधारित पारदर्शी प्रशासन।
- जनसंख्या (Demography) – भारत की युवा शक्ति।
- मांग (Demand) – भारत के भीतर मांग को प्रोत्साहन।
प्रमुख क्षेत्रों में सुधार:
| क्षेत्र | सुधार / योजनाएँ | 
|---|---|
| MSME | परिभाषा में बदलाव, आसान ऋण, गारंटी फ्री लोन | 
| कृषि | कृषि कानून, कोल्ड स्टोरेज और सप्लाई चेन विकास | 
| स्टार्टअप | स्टार्टअप इंडिया, स्वनिधि योजना | 
| रक्षा | स्वदेशी हथियार, निजी क्षेत्र को मौका | 
| स्पेस और विज्ञान | ISRO और निजी साझेदारी | 
स्थानीय से वैश्विक की ओर (Local to Global):
- “वोकल फॉर लोकल” का मंत्र – स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता।
- हस्तशिल्प, कुटीर उद्योग, और भारतीय पारंपरिक उत्पादों को बढ़ावा।
किसे लाभ होता है?
- नवोन्मेषी युवा जो स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं।
- MSME और छोटे उद्योग जिन्हें पूंजी और सहयोग चाहिए।
- किसान, महिलाएं, स्वरोजगार करने वाले लोग।
- नौकरी तलाशने वाले और रोजगार पैदा करने वाले दोनों।
निष्कर्ष (Conclusion):
आत्मनिर्भर भारत अभियान एक ऐसा सपना है जहाँ भारत दूसरों पर निर्भर नहीं, बल्कि अपनी शक्ति, संसाधनों और विचारों पर भरोसा करके आगे बढ़े। यह अभियान एक नई सोच, नई दृष्टि और नए आत्मबल का प्रतीक है।
“आत्मनिर्भर भारत, आत्मविश्वास से भरा भारत है।”
